हम विश्लेषण, प्रदर्शन और विज्ञापन सहित कई उद्देश्यों के लिए अपनी वेबसाइट पर कुकीज़ का उपयोग करते हैं। और अधिक जानें।
OK!
Boo
साइन इन करें
यूनिवर्सेस
पोस्ट किया गया गुरुवार, 2 मई 2024
1 महीना
ISFP
मिथुन
Meri kalam se ✍️ Kalam yoo Thami Hai Shabdo Ki Kami Hai, Jispe likhte they harf bas uss chehre ki kami hai, Soch ke bhi in haseen ankho ka Deedar kha Mumkin ho Ek jhalak pane Ko ankho Mai nami hai.....
2
0
कमेंट
Poem समुदाय
poem समुदाय, चैट और चर्चा।
अभी जुड़े
2 हज़ार सोल्स
अभी कोई कमैंट्स नही!
नए लोगों से मिलें
2,00,00,000+ डाउनलोड
अभी जुड़े
संबंधित पोस्ट
#poem
18 दिन
INFJ
कुंभ
प्यार
प्यार की चाह में सब कुछ गवां दिया, मौत को अपने गले लगा लिया, जीतता क्या मैं अपने नसीब से, उसमे मुझे एक झटके में हरा दिया ।
1
0
#poem
19 दिन
INFP
कुंभ
ऐसा क्या हासिल हुआ तुमको प्रिय ?
एक गीत जो तुमने सुना नहीं , वो गीत अधूरा रह गया है , ऐसा क्या हासिल हुआ तुमको प्रिय, "बेज़ार" गीत लिखना भूल गया है । सुन कर गीत मेरे तुम जो धीमे से मुस्काती थी , मैं जो पढ़ता इक मिसरा तो दूजा मन ही मन दोहराती थी , राधा की कथा सुनाकर मुझको , तेरा किरदार कृष्ण का हो गया है । ऐसा क्या हासिल हुआ तुमको... आगे पढ़ें
1
0
#poem
1 महीना
ENTJ
आरज़ू
आरज़ू कम थी उससे भी कम वक़्त था तुझे अपने पास बुलाकर वक़्त को सहलाना भी एक दर्द था अगर बुरा ना मानो तो एक बात पूछ लूँ आँखो से आँखो को मिलके हाथों से तुम्हारे गालो को छू लूँ
1
0
#poem
3 महीना
INFJ
मेष
कभी इस बात का
कभी इस बात का क्योंकर कहीं चर्चा नहीं होता जो हमको छोड़ जाता है, क्या वह तन्हा नहीं होता कोई इक पल में कैसे भूल जाता है मरासिम को कि इक पल में तो ऐसा हौसला पैदा नहीं होता -फ़ैज़ *मरासिम :- relation
1
0
#poem
6 महीना
ENTJ
मीन
Tum izazat do agar.....
6
1
#poem
7 महीना
INFP
सिंह
तुझसे प्रीत
तु चाहे चंचलता कहले तु चाहे दुर्बलता कहले दिलने जब मजबूर किया मै तुझसे प्रीत लगा बैठा यह प्यार दिये का तेल नही दो-चार घरी का खेल नही यह तो कृपान की धारा है कोई गुड़ियों का खेल नही और तु चाहे नादानी कहले जो तु चाहे मनमानी कहले मैने जो भी रेखा कीची तेरी तस्वीर बना बैठा मै तुझसे प्रीत लगा बैठा ।।
2
1