हम विश्लेषण, प्रदर्शन और विज्ञापन सहित कई उद्देश्यों के लिए अपनी वेबसाइट पर कुकीज़ का उपयोग करते हैं। और अधिक जानें।
OK!
Boo
साइन इन करें
23 लाख व्यक्ति
2.3 लाख व्यक्ति
2.7 लाख व्यक्ति
33 हज़ार व्यक्ति
4 हज़ार व्यक्ति
4 हज़ार व्यक्ति
2.4 हज़ार व्यक्ति
1.4 हज़ार व्यक्ति
968 व्यक्ति
661 व्यक्ति
570 व्यक्ति
449 व्यक्ति
194 व्यक्ति
148 व्यक्ति
143 व्यक्ति
139 व्यक्ति
118 व्यक्ति
111 व्यक्ति
106 व्यक्ति
90 व्यक्ति
88 व्यक्ति
83 व्यक्ति
73 व्यक्ति
72 व्यक्ति
67 व्यक्ति
66 व्यक्ति
64 व्यक्ति
63 व्यक्ति
56 व्यक्ति
48 व्यक्ति
41 व्यक्ति
40 व्यक्ति
39 व्यक्ति
39 व्यक्ति
36 व्यक्ति
33 व्यक्ति
31 व्यक्ति
31 व्यक्ति
29 व्यक्ति
23 व्यक्ति
21 व्यक्ति
21 व्यक्ति
20 व्यक्ति
19 व्यक्ति
19 व्यक्ति
17 व्यक्ति
15 व्यक्ति
14 व्यक्ति
14 व्यक्ति
12 व्यक्ति
11 व्यक्ति
11 व्यक्ति
10 व्यक्ति
10 व्यक्ति
9 व्यक्ति
8 व्यक्ति
8 व्यक्ति
7 व्यक्ति
6 व्यक्ति
6 व्यक्ति
6 व्यक्ति
6 व्यक्ति
6 व्यक्ति
6 व्यक्ति
6 व्यक्ति
5 व्यक्ति
5 व्यक्ति
5 व्यक्ति
5 व्यक्ति
5 व्यक्ति
5 व्यक्ति
5 व्यक्ति
5 व्यक्ति
4 व्यक्ति
4 व्यक्ति
4 व्यक्ति
4 व्यक्ति
4 व्यक्ति
4 व्यक्ति
3 व्यक्ति
3 व्यक्ति
3 व्यक्ति
3 व्यक्ति
3 व्यक्ति
3 व्यक्ति
3 व्यक्ति
3 व्यक्ति
3 व्यक्ति
3 व्यक्ति
3 व्यक्ति
2 व्यक्ति
2 व्यक्ति
2 व्यक्ति
2 व्यक्ति
2 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
1 व्यक्ति
0 व्यक्ति
0 व्यक्ति
यूनिवर्सेस
पोस्ट किया गया बुधवार, 15 नवंबर 2023
11 महीना
ISTJ
कुंभ
Aawara
Hatho Se hath pakad ke fir sath chhord diye Zindagi ki in tashquilo me Raah mod Diye Aawara mai gunaho ka dhundta khuda se khudme kitne jhuth chhipe puchta khuda se mere sach chhut chuke Tut chuke in raaho me Waqt meri Zanjeer hai uljhi in Sawalo me Rooh bebas dekhti ab paas uske jaane me Kyunki.... Hatho se Hath pakad kr Fir sabne sath chhord diye.
5
2
कमेंट
Poetry समुदाय
poetry समुदाय, चैट और चर्चा।
अभी जुड़े
2.3 लाख सोल्स
Vivek
11 महीना
ISTP
वृषभ
अच्छा है
0
0
जवाब दें
Mk Chaudhary
11 महीना
ISTP
धनु
अच्छा है
0
0
जवाब दें
नए लोगों से मिलें
4,00,00,000+ डाउनलोड
अभी जुड़े
संबंधित पोस्ट
#poetry
16 दिन
INFP
सिंह
शायरी
इक ज़ख़्म मुझ को चाहिए मेरे मिज़ाज का या'नी हरा भी चाहिए गहरा भी चाहिए ये वहम जाने मेरे दिल से क्यूँ निकल नहीं रहा कि उस का भी मिरी तरह से जी सँभल नहीं रहा कोई वरक़ दिखा जो अश्क-ए-ख़ूँ से तर-ब-तर न हो कोई ग़ज़ल दिखा जहाँ वो दाग़ जल नहीं रहा मैं एक हिज्र-ए-बे-मुराद झेलता हूँ रात दिन जो ऐसे सब्र... आगे पढ़ें
4
0
#poetry
16 दिन
INFJ
मकर
सीख
जब मुझे सिखाना था कैसे बोलना ? थमा दी गयी पेन्सिलें सिखाया गया ऐसे लिखना ; जब मुझे सिखाना था क्या बोलना ? थमा दी गयी कलमें सिखाया गया ये लिखना ... अब जब सीख चुका हूँ कैसे लिखना क्या लिखना कहा जाता है मुझसे मन की सुनो मन से कहो पर पेन्सिल की नोक और कलम के सिरे से विदीर्ण मेरा मन... आगे पढ़ें
3
0
#poetry
7 दिन
INFP
कर्क
True...
Samajhne waala mera martaba samajhta hai So farq nahin padta kaun kya samajhta hai Yeh teri charagari meri jaan le legi Na tu mujhe, na mera zakhm samajhta hai Main apni maut ko ab zindagi samajhta hoon kyun samajhta hoon ye mera Khuda samajhta hai Main ab kahani se baahar nikalna chahta... आगे पढ़ें
2
0
#poetry
14 दिन
INFJ
मकर
प्रेम युद्ध से ज्यादा खतरनाक होता है, 'प्रेम' क्योंकि नहीं भेज सकते इसे करने आप किसी और को ... इसलिए क्योंकि प्रेम से डरता है समाज ... इसलिए समाज में होता है बस युद्ध का उन्माद क्योंकि युद्ध होता है खुले मैदान में .. और चूमने की खातिर होठ लगाने पड़ते हैं दरवाजे कमरे के .... © (बदला हुआ)
2
0
#poetry
11 महीना
ENTJ
कुंभ
Yaari!
दोस्ती तो कर ली तुमने झूठ की बुनियाद पे। जब कुछ सवाल पूछे तो रंग दिखा दिए तुमने हर छोटी बात पे। कहते तो थे के साथ दोगे हर कदम हर मुकाम पे। अब तो बस उस यारी की याद रह गई है दिल-ओ-दिमाग पे।
2
1
#poetry
21 दिन
INFP
सिंह
कॉन्फ्रेंसन
वैसे मैं ने दुनिया में क्या देखा है तुम कहते हो तो फिर अच्छा देखा है मैं उस को अपनी वहशत तोहफ़े में दूँ हाथ उठाए जिस ने सहरा देखा है बिन देखे उस की तस्वीर बना लूँगा आज तो मैं ने उस को इतना देखा है एक नज़र में मंज़र कब खुलते हैं दोस्त तू ने देखा भी है तो क्या देखा है इश्क़ में बंदा मर भी सकता है... आगे पढ़ें
3
0
#poetry
24 दिन
INFP
वृश्चिक
देवी पूजित, स्त्री उपेक्षित
3
1
#poetry
11 महीना
ISFJ
वृषभ
दर्द
बे–नाम सा ये दर्द, ठहर क्यों नहीं जाता। जो बीत गया है वो, गुजर क्यों नहीं जाता।। . . . निदा फ़ाज़ली
2
1
#poetry
27 दिन
INFP
सिंह
शायरी
2
1
#poetry
11 महीना
ENFP
सिंह
Shayari
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
2
1
#poetry
1 महीना
INFJ
कन्या
kehne ko.. ishq mein hai kuch log, phir bhi ishq dhundh rahe hai.. kehne ko.. khub safed hai kuch log, phir bhi roshni dhundh rahe hai.. kehne ko.. saath kisi ke hai kuch log, phir bhi ghar dhundh rahe hai.. kehne ko.. jee toh rahe hai kuch log, phir bhi zindagi dhundh rahe hai.. Written by Amaan
7
0
#poetry
25 दिन
INFP
सिंह
शायरी
वो तो यूँ था कि हम अपनी अपनी ज़रूरत की ख़ातिर अपने अपने तक़ाज़ों को पूरा किया अपने अपने इरादों की तकमील में तीरा-ओ-तार ख़्वाहिश की संगलाख़ राहों पे चलते रहे फिर भी राहों में कितने शगूफ़े खिले वो तो यूँ था कि बढ़ते गए सिलसिले वर्ना यूँ है कि हम अजनबी कल भी थे अजनबी अब भी हैं अब... आगे पढ़ें
1
0
#poetry
1 महीना
INFP
सिंह
शायरी
6
1
#poetry
1 महीना
ENFJ
मकर
"Wo silsiley,wo shauq, wo nisbat nahi rahi Wo dil nahi raha, wo tabiyat nahi rahi".
4
0
#poetry
1 महीना
ISFP
मकर
दुःख दर्द पीड़ा
तेरा हुसन तुझे नोचेगा ,तू बैठ रात में ख़ुद को कोसेगा फिर देरी होगी अफ़सोस होगा , ना कोई प्रेमी ना कोई दोस्त होगा , चादरों से खुशबू समेटती रह जाएगी , आएगी समझ यकीनन देरी हो जायेगी । टूटी चूड़ियों के कांच कहा कहा से नहीं उठाए , कोई हैं तेरे शहर जिससे तुमने संबंध ना बनाएं ये होने के बाद भी सच्चे... आगे पढ़ें
1
0
#poetry
1 महीना
INFP
सिंह
ग़ज़ल
आप कहिए तो निभाते चले जाएँगे मगर इस तअ'ल्लुक़ में अज़िय्यत के सिवा कुछ भी नहीं मैं किसी तरह भी समझौता नहीं कर सकता या तो सब कुछ ही मुझे चाहिए या कुछ भी नहीं कैसे जाना है कहाँ जाना है क्यूँ जाना है हम कि चलते चले जाते हैं पता कुछ भी नहीं
2
1
#poetry
1 महीना
ISFJ
सिंह
धड़कन ♥️
4
0
#poetry
1 महीना
INFP
सिंह
Shayari
किस्से मेरी उल्फ़त के जो मर्क़ूम है सारे आ देख तेरे नाम से मौसम है सारे, शायद ये ज़र्फ है जो ख़ामोश हूँ अब तक वरना तो तेरे ऐब भी मालूम है सारे
2
1
#poetry
1 महीना
INTJ
सिंह
Dard-e-Bewafa
Us ek tufaan ke baad mera sab kuch tabah rha Use kasamo me kaid kar mai khudd rihaa rhaa Dil toda maine toh mera bhi tutna hi tha Karma apna kaam khoob nibaah rha Mere aansuo ka ab ye sirhaana gawah rhaa Mai ehsaas ki sui me apne shabd samaa rhaa Tute sheeshe saa bikharne ke baad Uski yaado se mai... आगे पढ़ें
2
0
#poetry
1 महीना
INFP
सिंह
Shayari
इक तिरा हिज्र दाइमी है मुझे वर्ना हर चीज़ आरज़ी है मुझे एक साया मिरे तआक़ुब में एक आवाज़ ढूँडती है मुझे मेरी आँखों पे दो मुक़द्दस हाथ ये अंधेरा भी रौशनी है मुझे
2
0
#poetry
2 महीना
INFP
कर्क
Wish
ummido ka toot jana accha nahi lagta Kiske aage haath failana accha nahi lagata De sakun sab ussi qattar me rehne de Teri siwa kisi k aage sir jhukana accha nahi lagta
4
0
#poetry
3 महीना
INTJ
वृषभ
Happy friendship day ❤️🥳
लिख देते हैं लोग दास्तां प्यार की दोस्ती पर कुछ लिखने से कतराते हैं वो देते हैं प्यार में अपनी जान हम तो अपनी जान दोस्तों पे वारते हैं वैसे तो बहुत कमीने है दोस्त मेरे पर घर वालो के सामने बहुत शरीफ बन जाते हैं मेरी मां को भी ये अपनी मां मानते है कैसे करू शुक्रिया इनका में जानता नहीं सबको ऐसे दोस्त... आगे पढ़ें
6
2
#poetry
3 महीना
ISTP
सिंह
लास्ट केस
"तुम कितना चार्ज करते हो?' 'डिपेंड करता है कि मारना किसे है! आपको ईमेल एड्रेस किसने दिया?' 'सर्च करके ढूढ लिया। मुझे अपने पति से छुटकारा चाहिए,मैं किसी और से प्यार करती हूँ। ' 'अपने पति की डिटेल्स और फोटो भेजिए। मैं केस की कीमत क्लाइंट्स की औकात से तय करता हूँ। कल बताऊंगा। ' .... उसने दर्जनों... आगे पढ़ें
4
4
#poetry
3 महीना
INFP
तुला
ईनाम–ए–इश्क
जो हैं शौकीन ज़ख्मों के मोहब्बत काम है उनका, बखूबी है इन्हें मालूम क्या अंजाम है इनका, न जाने चाहते क्या हैं ये आशिक सरफिरे सारे, जो मिलता है ज़खम शायद यही इनाम है इनका।
3
0
#poetry
3 महीना
ENTJ
कुंभ
Bewajah ki dooriyaan...
Is kadar unse pyaar hai ke bayaan nai kar sakte, Unki baatein sune bina hum thoda bhi reh nai sakte, Ye kaisi hai bewajah ki dooriyan hain hamare beech, Hum unse mil bhi nai sakte aur duri seh bhi nahi sakte.
7
4
#poetry
3 महीना
INTJ
वृषभ
👀
कौन कहता है कि हम तबाह नहीं है मेरी बर्बादी का बस कोई गवाह नहीं है सब देखते हैं मुझको मुस्कुराते हुए क्यूंकि रोने के लिए कोई जगह नहीं है। - unknownbutdeep🙂🙃 (बदला हुआ)
4
0
#poetry
3 महीना
INTJ
वृषभ
Shayari
मुश्किल वक्त में भी खुद को हंसाता हूं ना जाने इतनी हिम्मत कहां से लाता हूं कभी बुरे हालात में भी हार नहीं मानता कभी ज़रा सी बात पर भी टूट जाता हूं कभी जिंदगी की दौड़ में सबसे आगे कभी खुद से भी पीछे छूट जाता हूं मुश्किलों से किनारे आता हूं यादों के फिर किसी की यादों में डूब जाता हूं। ... (बदला हुआ) आगे पढ़ें
7
1
#poetry
3 महीना
INTJ
वृषभ
वो कभी कुछ नहीं बोले पर जब बोले तो क्या बोले।✍🏻😍
5
0
#poetry
3 महीना
INTJ
वृषभ
मैं शायर बदनाम।🙂
6
0
#poetry
3 महीना
ENTJ
कुंभ
Umar...
Umar to humne uske waade pe waise bhi guzar di, Kabar se aata uska naam suna hai, aisa log kehte hai!
3
1
#poetry
3 महीना
ENTJ
कुंभ
Ehsaas...
Usi jagah pahoch jaata hu jaha hum pehli bar mile the jab uski yaad aati hai, Hath pakadne ki koshish karu to uske sath na hone ka ehsaas satata hai.
4
0
#poetry
3 महीना
ENTJ
कुंभ
Shaukh...
Mohabbat to dil se ki thi humne bhi, Use to bas waqt zaaya karne ka shaukh tha.
4
1
#poetry
3 महीना
ENTJ
कुंभ
Yaad...
Aaj fir uski yaad mein rote rote utha hu main, Bas khud hi apne aansu poch ke wapas so gaya hu main.
3
0
#poetry
3 महीना
ENTJ
कुंभ
Parda
Kehte to hai ke aankhein se rooh tak ka safar aasaan hota hai, Ye kaun bataega ke aksar wahi kambakht aakhein rooh pe parda rakhti hai.
3
0
#poetry
3 महीना
ENTJ
कुंभ
Baat
Aaj unse mulakat hui hai Ek halki si hichkichahat mehsoos hui hai Unki khamoshi meri bahot baat sun rahi hai Shayad wo bin bole bahot baat kar rahi hai
3
0
#poetry
3 महीना
ENFP
कुंभ
Sochna zaruri hai
Hum se gham hai ya gham se hum hai Sochna zaruri hai Soch se peeche hai ya junnoon se age hai socha zaruri hai Majboori se khamoosh hai ya addat se Sochna zaruri hai Ummedon se peeche hai ya faslon se age hai socha zaruri hai Jeetke duniya khush hue ya mohobbat mein hareke socha zaruri... आगे पढ़ें
2
0
#poetry
4 महीना
INTP
वृषभ
Judaai
कसमें जो हमने खायीं थीं, हर पल साथ निभाने की। वो वादें हमने तोड़ दियें, उनसे दूर न जाने की। अब क्यूँ हम बस उनको कोसें, हमसे बिछड़ के जाने पर? क्यूँं मन ही मन में उनको सोचें, किस्से 'बेवफाई' के सुनने पर? हाँ, नही रहा वो कैद परिंदा, मेरे दिल के पिंजरे में। निकल गया वो तोड़ सलाखें, आसमान केे जन्नत... आगे पढ़ें
1
1
#poetry
5 महीना
ENFJ
सिंह
Kya kia tumne aaj?
Agar koi puchhe tumse ke..... "kya kia tumne aaj?" To katrana mat kehne se...... Ke mushkil tha par saans li Iss dil ko ek or juthi aas di Sab theek hoga ke nhi......pata nhi... Par maine koshish bahut khaas ki...!
8
0
#poetry
4 महीना
ISFJ
सिंह
Priye
Tu barf himalaya ki jaisi, Main maidano ki dhul priye, Tu pankhudi gulabo ki jaisi, Main gobhi ka sa phul priye, Tu Sonu nigam ke gano jaisi, Main gazhal jagjit singh priye, Tu shagun ki kaju katli h to, Main Bundi Prasad wala priye.
3
0
#poetry
4 महीना
ISFJ
सिंह
Akelapan
Janta hu main apni buraiyo ko, Lekin sambhalna bhi nhi chahta, Akele hone ya yahi fayda h dost, Koi sambhalne bhi to nahi aata.
3
0
#poetry
4 महीना
ISFJ
सिंह
Man Anban hai ya nahi pta nahi, Itna pata hai ki man nhi hai,
1
0
#poetry
5 महीना
ENFJ
सिंह
शायरी
हम तो फ़ना हो गए उनकी आँखों को देख कर, ग़ालिब न जाने वो अपना आईना कैसे देखतीं होंगी ॥
2
2
#poetry
5 महीना
INFJ
मिथुन
मुहब्बत
न दरवेशों का ख़िर्क़ा चाहिए न ताज-ए-शाहाना, मुझे तो होश दे इतना रहूँ मैं तुझ पे दीवाना.
1
0