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Ritik Jayant
Ritik Jayant

11 महीना

ISTJ

कुंभ

Aawara

Hatho Se hath pakad ke fir sath chhord diye Zindagi ki in tashquilo me Raah mod Diye Aawara mai gunaho ka dhundta khuda se khudme kitne jhuth chhipe puchta khuda se mere sach chhut chuke Tut chuke in raaho me Waqt meri Zanjeer hai uljhi in Sawalo me Rooh bebas dekhti ab paas uske jaane me Kyunki.... Hatho se Hath pakad kr Fir sabne sath chhord diye.

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Vivek

Vivek

11 महीना

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Mk Chaudhary

Mk Chaudhary

11 महीना

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धनु

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Shubh
Shubh

16 दिन

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सिंह

8
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शायरी

इक ज़ख़्म मुझ को चाहिए मेरे मिज़ाज का या'नी हरा भी चाहिए गहरा भी चाहिए ये वहम जाने मेरे दिल से क्यूँ निकल नहीं रहा कि उस का भी मिरी तरह से जी सँभल नहीं रहा कोई वरक़ दिखा जो अश्क-ए-ख़ूँ से तर-ब-तर न हो कोई ग़ज़ल दिखा जहाँ वो दाग़ जल नहीं रहा मैं एक हिज्र-ए-बे-मुराद झेलता हूँ रात दिन जो ऐसे सब्र... आगे पढ़ें

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#poetry

Solivagant ~
Solivagant ~

16 दिन

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मकर

सीख

जब मुझे सिखाना था कैसे बोलना ? थमा दी गयी पेन्सिलें सिखाया गया ऐसे लिखना ; जब मुझे सिखाना था क्या बोलना ? थमा दी गयी कलमें सिखाया गया ये लिखना ... अब जब सीख चुका हूँ कैसे लिखना क्या लिखना कहा जाता है मुझसे मन की सुनो मन से कहो पर पेन्सिल की नोक और कलम के सिरे से विदीर्ण मेरा मन... आगे पढ़ें

3

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#poetry

Het
Het

7 दिन

INFP

कर्क

True...

Samajhne waala mera martaba samajhta hai So farq nahin padta kaun kya samajhta hai Yeh teri charagari meri jaan le legi Na tu mujhe, na mera zakhm samajhta hai Main apni maut ko ab zindagi samajhta hoon kyun samajhta hoon ye mera Khuda samajhta hai Main ab kahani se baahar nikalna chahta... आगे पढ़ें

2

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#poetry

Solivagant ~
Solivagant ~

14 दिन

INFJ

मकर

प्रेम युद्ध से ज्यादा खतरनाक होता है, 'प्रेम' क्योंकि नहीं भेज सकते इसे करने आप किसी और को ... इसलिए क्योंकि प्रेम से डरता है समाज ... इसलिए समाज में होता है बस युद्ध का उन्माद क्योंकि युद्ध होता है खुले मैदान में .. और चूमने की खातिर होठ लगाने पड़ते हैं दरवाजे कमरे के .... © (बदला हुआ)

2

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#poetry

Bhagyesh
Bhagyesh

11 महीना

ENTJ

कुंभ

6
7

Yaari!

दोस्ती तो कर ली तुमने झूठ की बुनियाद पे। जब कुछ सवाल पूछे तो रंग दिखा दिए तुमने हर छोटी बात पे। कहते तो थे के साथ दोगे हर कदम हर मुकाम पे। अब तो बस उस यारी की याद रह गई है दिल-ओ-दिमाग पे।

2

1

#poetry

Shubh
Shubh

21 दिन

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सिंह

8
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कॉन्फ्रेंसन

वैसे मैं ने दुनिया में क्या देखा है तुम कहते हो तो फिर अच्छा देखा है मैं उस को अपनी वहशत तोहफ़े में दूँ हाथ उठाए जिस ने सहरा देखा है बिन देखे उस की तस्वीर बना लूँगा आज तो मैं ने उस को इतना देखा है एक नज़र में मंज़र कब खुलते हैं दोस्त तू ने देखा भी है तो क्या देखा है इश्क़ में बंदा मर भी सकता है... आगे पढ़ें

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Prateek
Prateek

24 दिन

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वृश्चिक

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देवी पूजित, स्त्री उपेक्षित

देवी पूजित, स्त्री उपेक्षित

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Ravi
Ravi

11 महीना

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वृषभ

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दर्द

बे–नाम सा ये दर्द, ठहर क्यों नहीं जाता। जो बीत गया है वो, गुजर क्यों नहीं जाता।। . . . निदा फ़ाज़ली

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Shubh
Shubh

27 दिन

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सिंह

8
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शायरी

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Sam
Sam

11 महीना

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सिंह

2
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Shayari

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए

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Amaan A
Amaan A

1 महीना

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कन्या

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kehne ko.. ishq mein hai kuch log, phir bhi ishq dhundh rahe hai.. kehne ko.. khub safed hai kuch log, phir bhi roshni dhundh rahe hai.. kehne ko.. saath kisi ke hai kuch log, phir bhi ghar dhundh rahe hai.. kehne ko.. jee toh rahe hai kuch log, phir bhi zindagi dhundh rahe hai.. Written by Amaan

kehne ko.. ishq mein hai kuch log, phir bhi ishq dhundh rahe hai..

kehne ko.. khub safed hai kuch log, phir bhi roshni dhundh rahe hai..

kehne ko.. saath kisi ke hai kuch log, phir bhi ghar dhundh rahe hai..

kehne ko.. jee toh rahe hai kuch log, phir bhi zindagi dhundh rahe hai..
Written by Amaan

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Shubh
Shubh

25 दिन

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सिंह

8
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शायरी

वो तो यूँ था कि हम अपनी अपनी ज़रूरत की ख़ातिर अपने अपने तक़ाज़ों को पूरा किया अपने अपने इरादों की तकमील में तीरा-ओ-तार ख़्वाहिश की संगलाख़ राहों पे चलते रहे फिर भी राहों में कितने शगूफ़े खिले वो तो यूँ था कि बढ़ते गए सिलसिले वर्ना यूँ है कि हम अजनबी कल भी थे अजनबी अब भी हैं अब... आगे पढ़ें

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#poetry

Shubh
Shubh

1 महीना

INFP

सिंह

8
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शायरी

शायरी

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#poetry

Vijay goswami
Vijay goswami

1 महीना

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मकर

"Wo silsiley,wo shauq, wo nisbat nahi rahi Wo dil nahi raha, wo tabiyat nahi rahi".

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Dinesh
Dinesh

1 महीना

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मकर

दुःख दर्द पीड़ा

तेरा हुसन तुझे नोचेगा ,तू बैठ रात में ख़ुद को कोसेगा फिर देरी होगी अफ़सोस होगा , ना कोई प्रेमी ना कोई दोस्त होगा , चादरों से खुशबू समेटती रह जाएगी , आएगी समझ यकीनन देरी हो जायेगी । टूटी चूड़ियों के कांच कहा कहा से नहीं उठाए , कोई हैं तेरे शहर जिससे तुमने संबंध ना बनाएं ये होने के बाद भी सच्चे... आगे पढ़ें

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#poetry

Shubh
Shubh

1 महीना

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सिंह

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ग़ज़ल

आप कहिए तो निभाते चले जाएँगे मगर इस तअ'ल्लुक़ में अज़िय्यत के सिवा कुछ भी नहीं मैं किसी तरह भी समझौता नहीं कर सकता या तो सब कुछ ही मुझे चाहिए या कुछ भी नहीं कैसे जाना है कहाँ जाना है क्यूँ जाना है हम कि चलते चले जाते हैं पता कुछ भी नहीं

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Prajwal Bhatia
Prajwal Bhatia

1 महीना

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धड़कन ♥️

धड़कन ♥️

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Shubh
Shubh

1 महीना

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सिंह

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Shayari

किस्से मेरी उल्फ़त के जो मर्क़ूम है सारे आ देख तेरे नाम से मौसम है सारे, शायद ये ज़र्फ है जो ख़ामोश हूँ अब तक वरना तो तेरे ऐब भी मालूम है सारे

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Ayush
Ayush

1 महीना

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सिंह

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Dard-e-Bewafa

Us ek tufaan ke baad mera sab kuch tabah rha Use kasamo me kaid kar mai khudd rihaa rhaa Dil toda maine toh mera bhi tutna hi tha Karma apna kaam khoob nibaah rha Mere aansuo ka ab ye sirhaana gawah rhaa Mai ehsaas ki sui me apne shabd samaa rhaa Tute sheeshe saa bikharne ke baad Uski yaado se mai... आगे पढ़ें

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#poetry

Shubh
Shubh

1 महीना

INFP

सिंह

8
7

Shayari

इक तिरा हिज्र दाइमी है मुझे वर्ना हर चीज़ आरज़ी है मुझे एक साया मिरे तआक़ुब में एक आवाज़ ढूँडती है मुझे मेरी आँखों पे दो मुक़द्दस हाथ ये अंधेरा भी रौशनी है मुझे

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#poetry

Het
Het

2 महीना

INFP

कर्क

Wish

ummido ka toot jana accha nahi lagta Kiske aage haath failana accha nahi lagata De sakun sab ussi qattar me rehne de Teri siwa kisi k aage sir jhukana accha nahi lagta

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Nikhil Narware
Nikhil Narware

3 महीना

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वृषभ

Happy friendship day ❤️🥳

लिख देते हैं लोग दास्तां प्यार की दोस्ती पर कुछ लिखने से कतराते हैं वो देते हैं प्यार में अपनी जान हम तो अपनी जान दोस्तों पे वारते हैं वैसे तो बहुत कमीने है दोस्त मेरे पर घर वालो के सामने बहुत शरीफ बन जाते हैं मेरी मां को भी ये अपनी मां मानते है कैसे करू शुक्रिया इनका में जानता नहीं सबको ऐसे दोस्त... आगे पढ़ें

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Karan Tomar
Karan Tomar

3 महीना

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सिंह

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1

लास्ट केस

"तुम कितना चार्ज करते हो?' 'डिपेंड करता है कि मारना किसे है! आपको ईमेल एड्रेस किसने दिया?' 'सर्च करके ढूढ लिया। मुझे अपने पति से छुटकारा चाहिए,मैं किसी और से प्यार करती हूँ। ' 'अपने पति की डिटेल्स और फोटो भेजिए। मैं केस की कीमत क्लाइंट्स की औकात से तय करता हूँ। कल बताऊंगा। ' .... उसने दर्जनों... आगे पढ़ें

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#poetry

Ashutosh Singh Rana
Ashutosh Singh Rana

3 महीना

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तुला

ईनाम–ए–इश्क

जो हैं शौकीन ज़ख्मों के मोहब्बत काम है उनका, बखूबी है इन्हें मालूम क्या अंजाम है इनका, न जाने चाहते क्या हैं ये आशिक सरफिरे सारे, जो मिलता है ज़खम शायद यही इनाम है इनका।

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#poetry

Bhagyesh
Bhagyesh

3 महीना

ENTJ

कुंभ

6
7

Bewajah ki dooriyaan...

Is kadar unse pyaar hai ke bayaan nai kar sakte, Unki baatein sune bina hum thoda bhi reh nai sakte, Ye kaisi hai bewajah ki dooriyan hain hamare beech, Hum unse mil bhi nai sakte aur duri seh bhi nahi sakte.

7

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#poetry

Nikhil Narware
Nikhil Narware

3 महीना

INTJ

वृषभ

👀

कौन कहता है कि हम तबाह नहीं है मेरी बर्बादी का बस कोई गवाह नहीं है सब देखते हैं मुझको मुस्कुराते हुए क्यूंकि रोने के लिए कोई जगह नहीं है। - unknownbutdeep🙂🙃 (बदला हुआ)

4

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#poetry

Nikhil Narware
Nikhil Narware

3 महीना

INTJ

वृषभ

Shayari

मुश्किल वक्त में भी खुद को हंसाता हूं ना जाने इतनी हिम्मत कहां से लाता हूं कभी बुरे हालात में भी हार नहीं मानता कभी ज़रा सी बात पर भी टूट जाता हूं कभी जिंदगी की दौड़ में सबसे आगे कभी खुद से भी पीछे छूट जाता हूं मुश्किलों से किनारे आता हूं यादों के फिर किसी की यादों में डूब जाता हूं। ... (बदला हुआ) आगे पढ़ें

7

1

#poetry

Nikhil Narware
Nikhil Narware

3 महीना

INTJ

वृषभ

वो कभी कुछ नहीं बोले पर जब बोले तो क्या बोले।✍🏻😍

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#poetry

Nikhil Narware
Nikhil Narware

3 महीना

INTJ

वृषभ

मैं शायर बदनाम।🙂

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#poetry

Bhagyesh
Bhagyesh

3 महीना

ENTJ

कुंभ

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Umar...

Umar to humne uske waade pe waise bhi guzar di, Kabar se aata uska naam suna hai, aisa log kehte hai!

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#poetry

Bhagyesh
Bhagyesh

3 महीना

ENTJ

कुंभ

6
7

Ehsaas...

Usi jagah pahoch jaata hu jaha hum pehli bar mile the jab uski yaad aati hai, Hath pakadne ki koshish karu to uske sath na hone ka ehsaas satata hai.

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#poetry

Bhagyesh
Bhagyesh

3 महीना

ENTJ

कुंभ

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7

Shaukh...

Mohabbat to dil se ki thi humne bhi, Use to bas waqt zaaya karne ka shaukh tha.

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#poetry

Bhagyesh
Bhagyesh

3 महीना

ENTJ

कुंभ

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Yaad...

Aaj fir uski yaad mein rote rote utha hu main, Bas khud hi apne aansu poch ke wapas so gaya hu main.

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#poetry

Bhagyesh
Bhagyesh

3 महीना

ENTJ

कुंभ

6
7

Parda

Kehte to hai ke aankhein se rooh tak ka safar aasaan hota hai, Ye kaun bataega ke aksar wahi kambakht aakhein rooh pe parda rakhti hai.

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#poetry

Bhagyesh
Bhagyesh

3 महीना

ENTJ

कुंभ

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Baat

Aaj unse mulakat hui hai Ek halki si hichkichahat mehsoos hui hai Unki khamoshi meri bahot baat sun rahi hai Shayad wo bin bole bahot baat kar rahi hai

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#poetry

Ahmed mohiuddin
Ahmed mohiuddin

3 महीना

ENFP

कुंभ

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Sochna zaruri hai

Hum se gham hai ya gham se hum hai Sochna zaruri hai Soch se peeche hai ya junnoon se age hai socha zaruri hai Majboori se khamoosh hai ya addat se Sochna zaruri hai Ummedon se peeche hai ya faslon se age hai socha zaruri hai Jeetke duniya khush hue ya mohobbat mein hareke socha zaruri... आगे पढ़ें

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#poetry

Anshu
Anshu

4 महीना

INTP

वृषभ

8
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Judaai

कसमें जो हमने खायीं थीं, हर पल साथ निभाने की। वो वादें हमने तोड़ दियें, उनसे दूर न जाने की। अब क्यूँ हम बस उनको कोसें, हमसे बिछड़ के जाने पर? क्यूँं मन ही मन में उनको सोचें, किस्से 'बेवफाई' के सुनने पर? हाँ, नही रहा वो कैद परिंदा, मेरे दिल के पिंजरे में। निकल गया वो तोड़ सलाखें, आसमान केे जन्नत... आगे पढ़ें

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#poetry

Monish
Monish

5 महीना

ENFJ

सिंह

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Kya kia tumne aaj?

Agar koi puchhe tumse ke..... "kya kia tumne aaj?" To katrana mat kehne se...... Ke mushkil tha par saans li Iss dil ko ek or juthi aas di Sab theek hoga ke nhi......pata nhi... Par maine koshish bahut khaas ki...!

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#poetry

Dhiraj
Dhiraj

4 महीना

ISFJ

सिंह

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Priye

Tu barf himalaya ki jaisi, Main maidano ki dhul priye, Tu pankhudi gulabo ki jaisi, Main gobhi ka sa phul priye, Tu Sonu nigam ke gano jaisi, Main gazhal jagjit singh priye, Tu shagun ki kaju katli h to, Main Bundi Prasad wala priye.

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#poetry

Dhiraj
Dhiraj

4 महीना

ISFJ

सिंह

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Akelapan

Janta hu main apni buraiyo ko, Lekin sambhalna bhi nhi chahta, Akele hone ya yahi fayda h dost, Koi sambhalne bhi to nahi aata.

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#poetry

Dhiraj
Dhiraj

4 महीना

ISFJ

सिंह

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Man Anban hai ya nahi pta nahi, Itna pata hai ki man nhi hai,

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#poetry

Monish
Monish

5 महीना

ENFJ

सिंह

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शायरी

हम तो फ़ना हो गए उनकी आँखों को देख कर, ग़ालिब न जाने वो अपना आईना कैसे देखतीं होंगी ॥

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#poetry

Sumit
Sumit

5 महीना

INFJ

मिथुन

मुहब्बत

न दरवेशों का ख़िर्क़ा चाहिए न ताज-ए-शाहाना, मुझे तो होश दे इतना रहूँ मैं तुझ पे दीवाना.

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