हम विश्लेषण, प्रदर्शन और विज्ञापन सहित कई उद्देश्यों के लिए अपनी वेबसाइट पर कुकीज़ का उपयोग करते हैं। और अधिक जानें।
OK!
Boo
साइन इन करें
यूनिवर्सेस
पोस्ट किया गया बुधवार, 15 मई 2024
20 दिन
ENTJ
मेष
शायद
ढूंढ रहा किसे तू परिंदे, न नाम पता न मंज़िल, शायद एक तरफ़ा इश्क़ हो चला हैं, ठहर ज़रा ! जिस मुस्कान के आहोश हो गया तू शामिल, शायद सब ख़ुमार हैं, अजनबी तू सुधर ज़रा! क्या तुझे प्यार हैं या कमज़ोर दिल का मरीज़, अब न कहत चल, कि तू मजबूर हैं ! ढूंढ रहा तू ताज़गी, ऐसा की भूला मंज़िल, शायद वह भा गयी तूझें, पर तू न सहझत हैं !
1
1
कमेंट
Poetry समुदाय
poetry समुदाय, चैट और चर्चा।
अभी जुड़े
1.9 लाख सोल्स
अभी कोई कमैंट्स नही!
नए लोगों से मिलें
2,00,00,000+ डाउनलोड
अभी जुड़े
संबंधित पोस्ट
#poetry
16 दिन
ISFP
कन्या
Uchhaiyo ko
0:52
12
1
#poetry
2 दिन
ENFJ
सिंह
शायरी
हम तो फ़ना हो गए उनकी आँखों को देख कर, ग़ालिब न जाने वो अपना आईना कैसे देखतीं होंगी ॥
1
0
#poetry
4 दिन
INFJ
मिथुन
मुहब्बत
न दरवेशों का ख़िर्क़ा चाहिए न ताज-ए-शाहाना, मुझे तो होश दे इतना रहूँ मैं तुझ पे दीवाना.
1
0
#poetry
21 दिन
INTP
कर्क
Mystery
Ek mushkil hai meri suljha de koi Kisi ko bhula kese jata hai bas itna bata de koi Awaaz de kar rok saku use Bas itna hak dilade koi (बदला हुआ)
1
2
#poetry
22 दिन
INTJ
कन्या
ग़ज़ल
आँख में दहशत न थी हाथ में ख़ंजर न था सामने दुश्मन था पर दिल में कोई डर न था उस से भी मिल कर हमें मरने की हसरत रही उस ने भी जाने दिया वो भी सितमगर न था इक पहाड़ी पे मैं बैठा रहा देर तक शौक़ से देखा करूँ ऐसा भी मंज़र न था हम से जो आगे गए कितने मेहरबान थे दूर तलक राह में एक भी पत्थर न था... आगे पढ़ें
2
1
#poetry
18 दिन
ENTJ
मेष
आवारे मन की दास्तान
मन से मन ही अजब हैं रूठा ! किसके आहोश में होश यह खोता ? कभी मेरी सुनता था, अब बेगाना रहता ! आवारा यह मन भवरों सा भटकता ! मिलने को जैसे वह तरसता, रोज़ निगाहों ने मन को परखा ! थम जाता है वक़्त भी एक पल , देख उसे हर पल हैं निखरता ! मन भी बड़ी विड़ंबना में उलझा, नादान मुसाफ़िर कहा हैं रुकता? कह न... आगे पढ़ें
2
0