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Ramesh Pathak
Ramesh Pathak

14d

INFP

Libra

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जो कभी लिख सकूं मैं कुछ मशहूर, तो..

जो कभी लिख सकूं मैं कुछ मशहूर, तो.. आइने में हमारी परछाई का साथ लिख दूं, किताबों में तुम्हारी कही हर बात लिख दूं, कांधे पे अपने तुम्हारे दिन और रात लिख दूं, अखबारों में तुम्हारी मुस्कुरुहाट पे जाहिरात लिख दूं. जो कभी लिख सकूं मैं कुछ मशहूर, तो.. पानियों सा तुम बह जाना, समेटने के लिए घाट लिख दूं, अगर कभी जो आए रोना, तो आंसू छिपाने के लिए बरसात लिख दूं. ©

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